चिमूर – इतीहास से जानकारी लेकर वर्तमान मे नैतीकता व मुल्यो का निर्धारण करने की जिम्मेदारी छात्रो की है. लिहाजा ग्रंथो से ऐतीहासीक मुल्यो का संवर्धन कर अनुसरन करने की आवश्यकता है. यह प्रतिपादन नगर परिषद चिमूर की मुख्याधिकारी अर्चना वंजारी ने किया.
चिमूर के ऐतीहासीक, पौराणीक, पर्यटन सुचना के आधार पर ग्रामगीता महाविद्यालय चिमूर के इतिहास विभाग की ओर से ‘चिमूर महात्म’ नामक ग्रंथ का विमोचन किया गया. इस अवसर पर वंजारी छात्रो का मार्गदर्शन कर रही थी.
इस समारंभ की अध्यक्षता ग्रामगिता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुनंदा आस्वले इन्होने की.
प्रमुख अतिथी के रूप मे मुख्याधिकारी अर्चना वंजारी, थानेदार संतोष बाकल, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अश्विन चंदेल, मोहन सातपैसे उपस्थित थे. कार्यक्रम की प्रस्तावना इतिहास विभाग प्रमुख प्रा. संगीता हनवते रखी.



