

.…..तब भारत का तमाम मीडिया तंत्र लिख रहा था. मोदी दुनिया के नेताओं को लीड करते हैं. एंकर चिल्ला रहे थे- ‘बॉस.. ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है. मोदी दुनिया को लीड कर रहे’ एक आदमी की छवि चमकाने के लिए दुनियाभर के नेताओं को ढक्कन बताया गया.
…….अब G7 की तस्वीर आई तो सब खामोश हैं. कोई नहीं बता रहा कि कौन किसे लीड कर रह है. ये वही झूठ का पहाड़ है जो 11 साल में खड़ा किया गया. और इसने पूरी दुनिया में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया.
मान लीजिए कल को दुनिया का कोई नेता, जैसे ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा किसी ऐसे जमावड़े में जाएं. वहां वो दौड़कर भीड़ के आगे चलने लगें और अपने फोटोग्राफर से कहें कि फोटो खींचकर ब्राजील भेज दो.
इससे वो दुनिया को लीड करने वाले नेता थोड़े हो जाएंगे. बल्कि बाकी नेता ये हरकत देख सोचेंगे, क्या अजीब आदमी है. तो यही हुआ 11 साल. कूद कूदकर फोटो खिंचवाई गई, और उसका इस्तेमाल करके अपनी छवि चमकाई गई.असल में सच कुछ और ही था



