भाषा की शुद्धता, सरलता, लयबद्धता एवं शब्दावली विकास अनिवार्य – मुरली मनोहर व्यास

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चंद्रपूर (17 जुलाई)-पीएम-ऊषा योजना के अंतर्गत सरदार पटेल महाविद्यालय, चंद्रपुर के हिंदी विभाग द्वारा अनुवाद प्रविधि पर सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तृतीय एवं चतुर्थ सत्र में मा. श्री मुरली मनोहर व्यास (संपादक – साप्ताहिक सर्वश्रेष्ठ, पूर्व आकाशवाणी संवाददाता) ने *”आकाशवाणी का क्षेत्र एवं अनुवाद विषय”* पर विद्यार्थियों को प्रेरणाप्रद मार्गदर्शन दिया।

*अपने वक्तव्य में उन्होंने विशेष रूप से भाषा की शुद्धता पर बल देते हुए कहा –*

> “अनुवादक के लिए भाषा की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है। अशुद्ध भाषा संप्रेषण में बाधा उत्पन्न करती है और मूल भाव को प्रभावित करती है।”

 

उन्होंने आकाशवाणी में अनुवाद की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा –

> “आकाशवाणी में कार्यरत अनुवादकों को आम जनता के लिए ग्राह्य सरल एवं सहज शब्दों का प्रयोग करना चाहिए, ताकि जनसंचार प्रभावी और सटीक हो।”

 

*व्यास जी ने यह भी कहा कि—*

*”अनुवाद में भाषा की लयबद्धता आवश्यक है, जिससे संवाद में प्रवाह बना रहे और संदेश की गरिमा अक्षुण्ण बनी रहे।”*

 

*साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि—*

> “एक कुशल अनुवादक को निरंतर अभ्यास के माध्यम से शब्दावली का विकास करते रहना चाहिए। यही उसकी भाषा की समृद्धि का आधार है।”

 

इस सत्र में बी.ए., बी.कॉम., बी.एससी. एवं एम.ए. (हिंदी) के 60 से अधिक विद्यार्थियों ने सहभागिता कर लाभ लिया।

कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. सुनीता बनसोड (विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग) द्वारा दी गई तथा आभार प्रदर्शन डॉ. शैलेन्द्र शुक्ल द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रा. रीता पाठक, प्रा. प्रणिता गडकरी, प्रा. माधुरी कटकोजवार एवं प्रा. अश्विनी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इस आयोजन ने विद्यार्थियों को न केवल अनुवाद कौशल की बारीकियों से परिचित कराया, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए सक्षम अनुवादक बनने की दिशा में भी प्रेरित किया।